An Unbiased View of Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



जब आपको उस डर का कारण पता है तो उसे ही दूर करने की कोशिश कीजिये ना. आपको इस बात का तो पता ही रहता है की गलती आपकी है या फिर सामने वाले की?

रजिस्टर करें आइए एक घटना से समझते हैं कि मन के डर को कैसे दूर कर सकते हैं?

अपने अंदर के डर को कैसे दूर भगाएं

रिश्ते का तनाव जिंदगी को न लील जाए, इसलिए जरूरी है इससे बाहर आने के उपाय जानना

कामना अरोड़ा जी बताती हैं कि उन्होंने अपने अंदर के डर को कैसे खत्म किया। साथ ही वे अपने सामाजिक जीवन में अकेली शाकाहारी व्यक्ति थीं और अपने दोस्तों को यह बताने में डर महसूस करती थीं कि कहीं वे लोग उन्हें अस्वीकार ना कर दें। अरोड़ा जी अपने दोस्तों को प्रभावित करने के लिए झूठ बोलती थीं। अपने मानसिक डर का इलाज करने के लिए उन्होंने ध्यान-साधना का सहारा लिया। इससे उन्हें पर्याप्त मानसिक बल मिला और उन्होंने अपने दोस्तों को सच बताया।

जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं

बिना नशा किये वो बहुत ज्यादा डरे डरे रहते हैं. उनके अन्दर पूरी तरह से डर बैठ चूका होता हैं. वहीँ जो लोग बिलकुल किसी तरह का नशा नहीं करते उनमें कहीं भी कुछ भी बोलने का साहस हमेशा रहता है.

ज्यादातर लोगों को किसी घटना से पहले डर लगता है, लेकिन स्थिति के बीच में कोई डर नहीं लगता। याद रखें कि डर आपकी इंद्रियों को बढ़ा देता है, जिससे आपके पास कुशलतापूर्वक और साहसपूर्वक प्रदर्शन करने की क्षमता आ जाती है।

गरीबी और असफलताओं से डर नहीं खाकर वे भारत के “मिसाइल मैन” और राष्ट्रपति बने।

ध्यान-साधना का नियमित अभ्यास आपको तनाव संबंधी सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है, आपके मन को शांत करता है और आपको तरोताजा कर देता है। आर्ट ऑफ लिविंग के सहज समाधि ध्यान कार्यक्रम में आप अपने अंदर की गहराई में डूबकर अपनी असीमित संभावनाओं को प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं। योग, सांस की प्रक्रियाओं और मेडिटेशन के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के हैप्पीनेस प्रशिक्षक से सम्पर्क करें।

हर किसी के मन में किसी न किसी बात को लेकर डर की स्थिति होती है। इस मन के डर को कैसे निकालें, इसके लिए इन बातों का ख्याल रखें।

मानवीय अनुभवों में यदि हम डर के संकेतों को ढूंढने जाएं तो यह शारिरिक संकेतों से भी गहन दिखलाई पड़ता है click here क्योंकि यहां डर के कुछ ऐसे भी प्रकार हैं जो बहुत घातक है –

डर लगने पर हम जो प्रतिक्रिया देते या डर लगने से पहले ही जब हमें पता चल जाए कि, हां, अब मैं डरने वाला हूं, तो हम असानी से अपने डर का उपयोग अपने फायदे के लिए कर सकते हैं।

प्रेरणा या मोमेंटम को हल्का न होने दें। डर का सामना करने के लिए एक निश्चित मात्रा में प्रेरणा की आवश्यकता होती है। जब आपका सामना असफलता से होता है, तो आपके मन में हार मानने का ख्याल आ सकता है। असंभव लगने वाली परिस्थितियों में भी अपने संकल्प को बनाए रखें।

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